रविवार, 15 दिसंबर 2013

दोस्तों अभी अभी सुनने में आया है कि केजरीवाल ने सरकार बनने के लिये जो 18-शर्तें रखी थी उसमे से ज्यादातर शर्तें कॉंग्रेस पार्टी को मान्य है....अब देखना यह है कि ये पलटूराम कैसे पलट जाता है.......


येः अरविन्द फर्ज़ीवाल दिल्ली की भोली भाली जनता को बेवकूफ बना रहा है.... वह जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है........

येः अरविन्द फर्ज़ीवाल दिल्ली की भोली भाली जनता को बेवकूफ बना रहा है.... वह जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है.........

अरविन्द फर्ज़ीवाल जिन 18 बिंदुओं का गुब्बारा खड़ा करके , मैदान से पीठ दिखा कर भागने की तैयारी में जुट गयी है उनमे से 16 मुद्दे ऐसे है, जिन पर फैसला लेने के लिए विधान-सभा की मंजूरी की कोई जरुरत ही नहीं है,

AAP की 18 शर्तें और उनकी हकीकत क्या है देखो...
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1. मुद्दा : कोई भी विधायक या मंत्री लाल बत्ती की गाड़ी, बंगले या स्पेशल सिक्योरिटी नहीं लेगा। विधायक और पार्षद फंड बंद करके पैसा मोहल्ला सभाओं को देंगे।

हकीकत : विधायक, मंत्रियों को लाल बत्ती नहीं दी जा सकती। मंत्री बंगले और स्पेशल सिक्योरिटी खुद छोड़ सकते हैं। भागीदारी के तहत जारी फंड को लेकर मोहल्ला सभाओं में जबरदस्त टकराव होता है। नई व्यवस्था से झगड़े बढ़ सकते हैं।
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2. मुद्दा : रामलीला मैदान में विधानसभा सत्र बुलाकर दिल्ली का जनलोकपाल बिल पास करेंगे।

हकीकत : दिल्ली में लोकायुक्त है। इसमें संशोधन करके मजबूत लोकपाल के लिए कांग्रेस साथ दे रही है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक कोई भी बिल विधानसभा में ही पास किया जा सकता है।
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3. मुद्दा : मोहल्ले, कॉलोनी ओर गलियों के फैसले का अधिकार सीधे जनता को मिले। ऐसी व्यवस्था के लिए 'आप' स्वराज कानून लाना चाहेगी।

हकीकत : कानून लाने के विधानसभा में समर्थन की जरूरत पड़ेगी। कांग्रेस ने साथ देने की बात कही है।
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4. मुद्दा : दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले। डीडीए और पुलिस पर केंद्र का नियंत्रण खत्म हो।

हकीकत : इस मुद्दे पर 'आप' को कांग्रेस विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। यह मामला केंद्र के अधीन है। कांग्रेस का मत है कि वह इस मुद्दे पर 'आप' को समर्थन देगी।
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5. मुद्दा : बिजली कंपनियों के ऑडिट के बाद बिजली की दरें तय हों। ऑडिट से इनकार पर लाइसेंस कैंसल किया जाए।

हकीकत : ऑडिट के लिए विधानसभा में जाने की जरूरत नहीं। सरकार खुद ऐसा करा सकेगी। कांग्रेस ने भी कहा है कि अगर उन्हें जांच करानी है तो कराएं।
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6. मुद्दा : बिजली मीटर तेज चलते मिले, तो बिजली कंपनियों से जनता का पैसा वापस लिया जाएगा।

हकीकत : मीटरों की जांच के आदेश किसी के सहयोग के बिना खुद सरकार दे सकती है।
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7. मुद्दा : रोजाना 700 लीटर पानी मुफ्त दिया जाएगा।

हकीकत : 'आप' ने कैटिगरी का जिक्र नहीं किया है। जो लोग पानी का बिल दे सकते हैं, उन्हें भी मुफ्त पानी दिया गया, तो विवाद हो सकता है। सबसे बड़ा मुद्दा है कि बिल में 60 फीसदी सीवर चार्ज व सर्विस चार्ज का। ये न हों तो 1 हजार लीटर पानी कुल 24 रुपये का ही पड़े।
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8. मुद्दा : अनधिकृत कॉलोनियां एक साल में नियमित हों।

हकीकत : अवैध कॉलोनियों तब तक नियमित नहीं मानी जाएंगी, जब तक उनके लेआउट प्लान न बनें और नक्शे पास न हों। यह काम एक साल में नहीं हो सकता। कांग्रेस ने 895 कॉलोनियां नियमित की थीं, लेकिन अब भी उनमें नक्शे पास नहीं होते।
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9. मुद्दा : झुग्गीवालों को आसान शर्तों पर पक्के मकान दिए जाएं। मकान मिलने तक झुग्गियां तोड़ी न जाएं।

हकीकत : इसके लिए सरकार को विधानसभा में समर्थन की जरूरत नहीं। वह खुद निर्माण करा सकती है। कांग्रेस का भी यही कहना है।
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10. मुद्दा : आम आदमी पार्टी ठेकेदारी प्रथा बंद करके सभी कर्मचारियों को नियमित करना चाहती है।

हकीकत : ठेकेदारी प्रथा खत्म करके सभी को स्थायी नौकरी देने के लिए किसी भी पार्टी के समर्थन की जरूरत नहीं। दिल्ली कैबिनेट यह फैसला ले सकेगी।
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11. मुद्दा : वैट को सरल बनाकर दरों की समीक्षा की जाएगी। औद्योगिक इलाकों में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।

हकीकत : वैट को सरल बनाने और औद्योगिक इलाकों में मूलभूत सुविधाएं देने का फैसला सरकार खुद ले सकती हैं। कांग्रेस का भी कहना है कि इसके लिए विधानसभा में समर्थन लेने की जरूरत नहीं है।
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12. मुद्दा : 'आप' दिल्ली में रीटेल में एफडीआई के खिलाफ है। क्या कांग्रेस और बीजेपी इसका समर्थन करेंगी?

हकीकत : रीटेल में एफडीआई लागू करने का फैसला केंद्र ने राज्यों पर छोड़ा हुआ है। दिल्ली ने इसे लागू करने का ऐलान किया था। सरकार बनाने के बाद इसका फैसला 'आप' का होगा।
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13. मुद्दा : ग्राम सभा की मंजूरी के बिना गांवों की जमीन का अधिग्रहण नहीं होगा। लालडोरा इलाका बढ़ाया जाएगा।

हकीकत : लाल डोरा बढ़ाने और जमीन अधिग्रहण के लिए वे खुद प्रशासनिक कदम उठा सकते हैं। इसके लिए भी विधानसभा में किसी से समर्थन लेने की जरूरत नहीं।
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14. मुद्दा : प्राइवेट स्कूलों में डोनेशन सिस्टम बंद करके फीस तय करने की प्रक्रिया पारदर्शी बनाई जाएगी।

हकीकत : प्राइवेट स्कूलों में डोनेशन बंद करने और नए स्कूल खोलने का काम शिक्षा मंत्री और कैबिनेट लेवल पर किया जा सकता है। कांग्रेस ने भी यही कहा है।
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15. मुद्दा : सरकारी अस्पतालों में निजी अस्पतालों से भी बेहतर इलाज के इंतजाम होंगे। नए सरकारी अस्पताल खुलेंगे।

हकीकत : सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज और नए अस्पताल में रुकावट डालकर कोई भी पार्टी अपना नुकसान क्यों करेगी। यह काम सरकार अपने स्तर पर कर सकती है।
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16. मुद्दा : महिला सुरक्षा के लिए स्पेशल फोर्स बनेगी। महिला उत्पीड़न केसों में जल्द फैसले के लिए पर्याप्त कोर्ट हों।

हकीकत : स्पेशल ग्रुप, नए कोर्ट और जजों की नियुक्ति का काम सरकार किसी के समर्थन के बिना कर सकती है। ये प्रशासनिक मामले हैं।
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17. मुद्दा : जुडिशरी में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। जल्द फैसलों के लिए जजों की नियुक्ति होगी।

हकीकत : ये फैसले प्रशासनिक लेवल पर किए जाएंगे। इसमें विधायकों के समर्थन की कोई जरूरत नहीं।
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18. मुद्दा : कई प्रस्ताव एमसीडी के जरिए लागू होंगे। वहां बीजेपी का राज है, तो क्या बीजेपी 'आप' को सहयोग करेगी?

हकीकत : एमसीडी केंद्रीय गृह मंत्रालय और डायरेक्टर, लोकल बॉडीज के तालमेल से चलती है। दिल्ली सरकार कोई सिफारिश करेगी तो उस पर केंद्र फैसला लेगा।

आम आदमी पार्टी सिर्फ इस वजह से जनता को बेव'कूफ बनाने में सफल हो जाती है क्योंकि जनता जागरूक नहीं है।

आम आदमी पार्टी सिर्फ इस वजह से जनता को बेव'कूफ बनाने में सफल हो जाती है क्योंकि जनता जागरूक नहीं है। अरविन्द फर्ज़ीवाल जिन 18 बिंदुओं का गुब्बारा खड़ा करके , मैदान से पीठ दिखा कर भागने की तैयारी में जुट गयी है उनमे से 16 मुद्दे ऐसे है, जिन पर फैसला लेने के लिए विधान-सभा की मंजूरी की कोई जरुरत ही नहीं है, मुख्यमंत्री और स्टेट कैबिनेट खुद निर्णय लेने का अधिकार रखती है। सिर्फ दो मुद्दे - पूर्ण राज्य का दर्ज और लोकायुक्त के लिए विधान-सभा की मंजूरी की जरुरत है। जागो दिल्ली की जनता जागो। फर्ज़ीवाल गिरोह की शर्तों के पीछे की सचाई ये है कि वो कायर हैं, जनता की सेवा करने की हिम्मत उनमे नहीं है। झूठे सब्ज-बाग़ दिखाना एक बात है, उसको पूरा करके दिखाना और बात।

कजरी जी आपको शर्तें रखने का बड़ा शोक है न तो इन मुद्दों पे भी अपना रुख साफ़ करें

कजरी जी आपको शर्तें रखने का बड़ा शोक है न तो इन मुद्दों पे भी अपना रुख साफ़ करें 

श्री मान अरविन्द केजरीवाल जी,


हमको लगता है है कि आप विदेशी फण्ड पे पलने वाले एजेंट हैं और आपका मकसद देश में अस्थिरता लाना व देश को बर्बाद करना है 

हम आपको वोट देने से पहले कुछ बातों पर आपका रुख जानना चाहते हैं 

1 क्या आप धर्म विशेष के चापलूस हैं ? आपके द्वारा कश्मीर पाक को देने,बुखारी ओवैसी तोकीर रज़ा, कसाब व अफजल की फांसी पे रोक आदि घटनाओ से तो ऐसा ही लगता है, क्या आप सबको एक साथ लेकर चल पाएंगे ?

2 गौ हत्या के बारे में आप क्या सोच रखते हैं, आप सत्ता में आये तो कत्लखानो को बंद करेंगे ? क्या उनको दी जा रही सरकारी सब्सिडी बंद करेंगे ?

3 क्या आप धर्म के नाम पे मिलने वाले आरक्षण को बंद करेंगे ?

4 अब तक आपने पाकिस्तान पर बहुत ही नर्म रुख दिखाया है क्या आप पाकिस्तान को मुह तोड़ जवाब देंगे ?

5 आप की टीम के कुमार विश्वास ने हिदू भगवान शिव व् बजरंग बली को बहुत ही अभद्र गालियाँ दी थी एक धर्म विशेष से नफरत करने वाले को क्या आप अपनी पार्टी से निकालेंगे 

7 आपके विधायक पर लड़की से छेड़छाड़ का केस दर्ज हुआ है ..क्या आप जाँच होने तक उसको पार्टी से निकालेंगे ...अन्य पार्टी से तो आप यही उमीद करते हैं 

8 आपके अंदर ऐसी कौन सी इमानदारी है कि आपके जनक अन्ना जी,किरण बेदी जी ,बाबा रामदेव वीकेसिंह व लाखों समर्थक आपको छोड़ कर चले गये 

9 क्या आप भारत में बिक रहे विदेशी कमपनियों के जहर (कोक पेप्सी इत्यादि) को बंद करवाएंगे 

10 क्या आप आयुर्वेद को बढ़ावा देंगे ?

11 क्या आप टीवी मीडिया इत्यादि द्वारा परोसी जा रही अश्लीलता को बंद करवाएंगे

12 आरएसएस के बारे में आपकी क्या सोच है आप इसको बढ़ावा देंगे या बंद करेंगे 

13 आप ने कम्युनल बिल पर कुछ नही बोला इस पर आपकी क्या राय है 

14 कांग्रेस द्वारा बंद किये गये आतंकवादी विरोधी कानूनों को क्या आप फिर से शुरू करेंगे 

15 आप ने जो भी खुलासे किये थे उनके लिए आप ने कितने केस फाइल किये हैं और उनका क्या स्टेटस है

आपके जवाब के इंतजार में 

भारत का एक आम नागरिक

गुरुवार, 12 दिसंबर 2013

Dear All, This is a very serious matter concerning Hindus and hence no media, newspapers or TV news channels is discussing it. "Prevention of Communal and Targeted Violence Bill" (PCTV Bill)

Dear All,
This is a very serious matter concerning Hindus and hence no media, newspapers or TV news channels is discussing it.

"Prevention of Communal and Targeted Violence Bill" (PCTV Bill)

Read carefully what Dr. Subramanian Swamy has analysed about that Bill:

Minority institutions including Jamait-e-Ulema are forcing Congress for passing this bill. Congress wants this bill to win 2014 election with 'Minority' votes.

Salient features of The Prevention of Communal and Targeted Violence Bill- PCTV Bill :-

1) Based on the presumption that all 'Hindus are Criminals and Rioters' ,this law can be invoked only against Hindus by minorities. (the bill defines Muslims, Christians etc. as “the Minority Group” in (sec 3.e))

2) Merely a complaint will be sufficient to file a FIR and the Hindu against whom the complaint is made, will be immediately arrested and assumed guilty UNLESS PROVEN otherwise (In normal criminal procedure, an accused is assumed innocent unless proven guilty);

3) All crimes under this Bill are Cognizable and Non-bailable [Clause 56 of may 2011 version];

4) It can trigger a new wave of extortion by minority groups against Hindus, the majority of whom are the working and business class. This will have colossal negative repercussions for the Indian economy.

5) Section 129 states that for prosecution of offences under Sec 9 there will be no limitation of time. It means a 'Minority' can reopen all cases against Hindus, all past cases right from 1950 onwards.

6) Under Sec. 42, A minority witness giving false statement before National authority CANNOT be prosecuted for giving FALSE evidence against a Hindu.
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Summary ?
Just like Pakistan, Bangladesh or Kashmir,
Hindus will be left with 3 options:
(i) Convert
(ii) Flee
(iii) Suffer entire life

So oppose this Anti-Hindu, Anti-Bharat Bill by making all Hindus aware of its dangers and unite to fight it and remove the Anti-Hindu & Anti-Bharat party who drafted this bill, or be prepared for above 3 options left for you & your children.
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(NAC download link for bill- http://nac.nic.in/pdf/pctvb.pdf)
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Once again reminding you to take this matter very seriously, understand and discuss with your family .