शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

केजरीवाल की सरकार बनेगी लेकिन दिल्ली में हो सकता है हाई वोल्टेज ड्रामा?

आम आदमी पार्टी की कहानी किसी हिंदी धारावाहिक सीरियल से कम नहीं है. सीरियल की तरह ही सस्पेंस है, रोमांच है, ड्रामा है और मारपीट की जगह दादागीरी भी हो सकती है. अरविंद केजरीवाल कभी कहते हैं कि समर्थन नहीं लेंगे ना देंगे, फिर कहते हैं कि उनका मन कांग्रेस से समर्थन लेकर सरकार बनाने का नहीं है, तो कभी कहते हैं कि जनता ही तय करेगी कि सरकार बनाना है या नहीं और अब कहते हैं जनता चाहती है कि वो सरकार बनाएं.

अंग्रेजी अखबार इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक केजरीवाल ने कहा कि अगर उन्होंने सरकार बनाकर अपने वादे पूरे कर दिए तो लोकसभा चुनाव में फायदा होगा. अब इससे साफ हो गया है कि अब वो सरकार बनाने में देरी नहीं करेंगे चूंकि उनकी निगाहें अब लोकसभा पर है.

क्या केजरीवाल डर गये हैं?

केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली के 75 फीसदी लोग चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी सरकार बनाएं. उनका मानना है कि सरकार बनाकर जनता को किए वादे पूरे करने से उन्हें लोकसभा चुनाव में बड़ा फायदा होगा. करीब इतने लोगों की ही राय सर्वे के मुताबिक है. एबीपी न्यूज-नील्सन के सर्वे के मुताबिक 80 फीसदी लोग चाहते हैं कि केजरीवाल को सरकार बनाना चाहिए, यह वो लोग हैं जो आम आदमी पार्टी को वोट दिया है. हालांकि ये ओवरसैंपलिंग है.

वोटरों से ये पूछा गया कि क्या दिल्ली में फिर से चुनाव होना चाहिए तो 64 फीसदी लोगों की राय है कि चुनाव नहीं होना चाहिए जबकि 33 फीसदी लोगों की राय है कि दोबारा चुनाव होना चाहिए. दूसरी बड़ी बात है कि आम आदमी पार्टी के ड्रामेबाजी से उन्हीं के पार्टी के वोटर नाराज है यानि अभी हाल के चुनाव में 71 फीसदी वोटर ने वोट किया था अब सिर्फ 64 फीसदी लोग कहते हैं कि आम आदमी पार्टी को वोट देंगे यानि 15 दिनों में 10 फीसदी की गिरावट हुई है. ये इसीलिए हो रहा है क्योंकि केजरीवाल की टीम सरकार बनाने के लिए हाई वोल्टज ड्रामा कर रही है ताकि उनकी पार्टी को फायदा हो लेकिन उल्टे नुकसान हो रहा है.

केजरीवाल ने चुनावी घोषणा पत्र में दिल्लीवासियों को सपना दिखाया है कि 50 फीसदी बिजली बिल कम करेंगे और 700 लीटर पानी एक परिवार को दिया जाएगा. इसी से काफी वोटर प्रभावित होकर वोट दिया है लेकिन वोटरों को लगता है कि शायद उनका सपना पूरा नहीं हो इसीलिए नाराजगी भी दिख रही है वहीं केजरीवाल सरकार बनाने के लेकर ना ना करते हुए जनता से रायशुमारी में ऐसे फंसे कि अब पीछे पैर खींचना खतरे से खाली नहीं है. अब सरकार नहीं बनाएंगे तो आम आदमी पार्टी की फजीहत हो सकती है ऐसे में नहीं लगता है कि केजरीवाल सरकार ना बनाने का रिस्क लेंगे.

दिल्ली में हो सकता है हाई वोल्टेज ड्रामा?

अरविंद केजरीवाल राजनीतिक बस के ऐसे ड्राईवर होंगे जिन्हें सरकार चलाने का कोई तर्जुबा नहीं है लेकिन कम समय में इतनी स्पीड में सरकार दौ़ड़ाने की कोशिश होगी कि नियम-कायदे तोड़े जा सकतें है, अफरातफरी हो सकती है, प्राइवेट कंपनियों और अफसर से नोंकझोंक और टकराहट हो सकती है चूंकि वो तीन महीने में ही 5 साल के कार्यकाल की दूरी तय करने की कोशिश करेंगे चूंकि उन्हें दिल्ली वासियों और देश वासियों को दिखाना है कि उनकी पार्टी कांग्रेस और बीजेपी से अलग है और लोकसभा चुनाव से वाहवाही भी लूटनी होगी.

यूं कहें दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल बनते हैं तो हर दिन हंगामा हो सकता है चूंकि वो अफसर को दबाव डालेंगे कि जल्दी-जल्दी काम का निपटारा किया जाए लेकिन अफसर 5 साल का काम 6 महीने में कैसे निपटाएंगे वहीं बिजली कंपनी पर बिजली बिल कम करने का दबाव डाला जाएगा नहीं मानने पर सरकार के तरफ से धमकी भी दी जा सकती है लेकिन ज्यादा दबाव डालने पर बिजली कंपनी दिल्ली में बिजली सप्लाई करने से मना कर सकती है.

बेहतर तो ये हो कि सरकार सब्सिडी दे लेकिन इससे भी सरकार की किरकिरी हो सकती है ऐसे में बिजली कंपनी बिजली सप्लाई करने से मना करती है तो केजरीवाल के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. वहीं लोगों के 700 लीटर पानी देने का वायदा किया है जाड़े में दिक्कत तो नहीं होगी लेकिन गर्मी में दिक्कत हो सकती है.

पानी माफिया पर नकेल कसने की कोशिश होगी यानि दिल्ली में बिना टिकट और पैसे का केजरीवाल टीम का ड्रामा दिखने को मिलेगा. केजरीवाल बहुत ही उत्साहित व्यक्ति हैं उनकी नजर सीएम पद पर ही नहीं पीएम पद पर है . धैर्य से काम नहीं लेंगे तो उनके राजनीतिक बस में खराबी पैदा हो सकती है, ब्रेक फेल हो सकता है, गियर फंस सकता है और इसका असर स्टियरिंग पर भी पड़ सकता है.

दिल्ली हो सकता है राजनीतिक रूप से अशांति जोन?

आम आदमी पार्टी की सरकार अभी नहीं बनी है लेकिन उसके पहले कानून की धज्जियां उड़ाने का काम शुरू हो गया है. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अतिक्रमण हटाने गए दस्ते को रोक दिया है.

मनीष सिसोदिया सहित आम आदमी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने अक्षरधाम के पास अवैध झुग्गियां हटाने पहुंचे दस्ते को काम करने से सिर्फ रोका ही नहीं बल्कि वहां हंगामा भी किया. दस्ता हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई के लिए गया था लेकिन हाईकोर्ट के फैसले को भी आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता मानने से इंकार कर दिया है.

बिजली, पानी और भ्रष्ट्राचार के मुद्दे पर नकेल कसने, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा, जनलोकपाल बिल के मुद्दे पर कांग्रेस ने समर्थन देने का वादा किया है लेकिन आम आदमी पार्टी की कोशिश होगी इन्हीं मु्दों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी को घेरने का काम किया जाएगा तो कांग्रेस और बीजेपी वाले भी चुप नहीं बैठेंगे. जहां थोड़ी से गड़बड़ी होगी तो ये पार्टियां चुप कहां रहेगी....ya ni ki Gale me Haddi.....

केजरीवाल के Manifesto में *Conditions Apply...? दिल्ली के लोगो को केजरीवाल ने बेवकूफ बना के वॉट लीया..?


अब ऐसे चलेगी दिल्ही में केजरीवाल की सरकार..???


गुरुवार, 19 दिसंबर 2013

ये मेरी जीत नहीं....मेरे बडे बडे वादों की जीत है...


सावधान इंडिया:- ये #विदेशी महिला और #केजरीवाल दोनो #मोदीको प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिये देश की जनता के साथ एक गेम खेल रहे है........देश की जरुरत हैं मोदी....


सावधान दिल्हीवालो- #केजरीवाल फिरसे दिल्ली की जनता को #लॉलीपॉप देने वाला है?


बुधवार, 18 दिसंबर 2013

एक सवाल #दिल्ली की जनता को--

एक सवाल #दिल्ली की जनता को--------ये केजरीवाल जनता की राय बहोत लेता रहता है..... .तो क्या उसने tauqir raza khan से मिलने गया था,और अफज़ल गुरु निर्दोष है उसके बारेमै, और आपका प्रशांत भूषण बोल रहा था की कश्मिर पाकिस्तान को दे देना चाहिये ...उस waqt क्या आपने जनता की राय ली थीं?

रविवार, 15 दिसंबर 2013

दोस्तों अभी अभी सुनने में आया है कि केजरीवाल ने सरकार बनने के लिये जो 18-शर्तें रखी थी उसमे से ज्यादातर शर्तें कॉंग्रेस पार्टी को मान्य है....अब देखना यह है कि ये पलटूराम कैसे पलट जाता है.......


येः अरविन्द फर्ज़ीवाल दिल्ली की भोली भाली जनता को बेवकूफ बना रहा है.... वह जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है........

येः अरविन्द फर्ज़ीवाल दिल्ली की भोली भाली जनता को बेवकूफ बना रहा है.... वह जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है.........

अरविन्द फर्ज़ीवाल जिन 18 बिंदुओं का गुब्बारा खड़ा करके , मैदान से पीठ दिखा कर भागने की तैयारी में जुट गयी है उनमे से 16 मुद्दे ऐसे है, जिन पर फैसला लेने के लिए विधान-सभा की मंजूरी की कोई जरुरत ही नहीं है,

AAP की 18 शर्तें और उनकी हकीकत क्या है देखो...
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1. मुद्दा : कोई भी विधायक या मंत्री लाल बत्ती की गाड़ी, बंगले या स्पेशल सिक्योरिटी नहीं लेगा। विधायक और पार्षद फंड बंद करके पैसा मोहल्ला सभाओं को देंगे।

हकीकत : विधायक, मंत्रियों को लाल बत्ती नहीं दी जा सकती। मंत्री बंगले और स्पेशल सिक्योरिटी खुद छोड़ सकते हैं। भागीदारी के तहत जारी फंड को लेकर मोहल्ला सभाओं में जबरदस्त टकराव होता है। नई व्यवस्था से झगड़े बढ़ सकते हैं।
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2. मुद्दा : रामलीला मैदान में विधानसभा सत्र बुलाकर दिल्ली का जनलोकपाल बिल पास करेंगे।

हकीकत : दिल्ली में लोकायुक्त है। इसमें संशोधन करके मजबूत लोकपाल के लिए कांग्रेस साथ दे रही है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक कोई भी बिल विधानसभा में ही पास किया जा सकता है।
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3. मुद्दा : मोहल्ले, कॉलोनी ओर गलियों के फैसले का अधिकार सीधे जनता को मिले। ऐसी व्यवस्था के लिए 'आप' स्वराज कानून लाना चाहेगी।

हकीकत : कानून लाने के विधानसभा में समर्थन की जरूरत पड़ेगी। कांग्रेस ने साथ देने की बात कही है।
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4. मुद्दा : दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले। डीडीए और पुलिस पर केंद्र का नियंत्रण खत्म हो।

हकीकत : इस मुद्दे पर 'आप' को कांग्रेस विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। यह मामला केंद्र के अधीन है। कांग्रेस का मत है कि वह इस मुद्दे पर 'आप' को समर्थन देगी।
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5. मुद्दा : बिजली कंपनियों के ऑडिट के बाद बिजली की दरें तय हों। ऑडिट से इनकार पर लाइसेंस कैंसल किया जाए।

हकीकत : ऑडिट के लिए विधानसभा में जाने की जरूरत नहीं। सरकार खुद ऐसा करा सकेगी। कांग्रेस ने भी कहा है कि अगर उन्हें जांच करानी है तो कराएं।
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6. मुद्दा : बिजली मीटर तेज चलते मिले, तो बिजली कंपनियों से जनता का पैसा वापस लिया जाएगा।

हकीकत : मीटरों की जांच के आदेश किसी के सहयोग के बिना खुद सरकार दे सकती है।
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7. मुद्दा : रोजाना 700 लीटर पानी मुफ्त दिया जाएगा।

हकीकत : 'आप' ने कैटिगरी का जिक्र नहीं किया है। जो लोग पानी का बिल दे सकते हैं, उन्हें भी मुफ्त पानी दिया गया, तो विवाद हो सकता है। सबसे बड़ा मुद्दा है कि बिल में 60 फीसदी सीवर चार्ज व सर्विस चार्ज का। ये न हों तो 1 हजार लीटर पानी कुल 24 रुपये का ही पड़े।
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8. मुद्दा : अनधिकृत कॉलोनियां एक साल में नियमित हों।

हकीकत : अवैध कॉलोनियों तब तक नियमित नहीं मानी जाएंगी, जब तक उनके लेआउट प्लान न बनें और नक्शे पास न हों। यह काम एक साल में नहीं हो सकता। कांग्रेस ने 895 कॉलोनियां नियमित की थीं, लेकिन अब भी उनमें नक्शे पास नहीं होते।
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9. मुद्दा : झुग्गीवालों को आसान शर्तों पर पक्के मकान दिए जाएं। मकान मिलने तक झुग्गियां तोड़ी न जाएं।

हकीकत : इसके लिए सरकार को विधानसभा में समर्थन की जरूरत नहीं। वह खुद निर्माण करा सकती है। कांग्रेस का भी यही कहना है।
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10. मुद्दा : आम आदमी पार्टी ठेकेदारी प्रथा बंद करके सभी कर्मचारियों को नियमित करना चाहती है।

हकीकत : ठेकेदारी प्रथा खत्म करके सभी को स्थायी नौकरी देने के लिए किसी भी पार्टी के समर्थन की जरूरत नहीं। दिल्ली कैबिनेट यह फैसला ले सकेगी।
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11. मुद्दा : वैट को सरल बनाकर दरों की समीक्षा की जाएगी। औद्योगिक इलाकों में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।

हकीकत : वैट को सरल बनाने और औद्योगिक इलाकों में मूलभूत सुविधाएं देने का फैसला सरकार खुद ले सकती हैं। कांग्रेस का भी कहना है कि इसके लिए विधानसभा में समर्थन लेने की जरूरत नहीं है।
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12. मुद्दा : 'आप' दिल्ली में रीटेल में एफडीआई के खिलाफ है। क्या कांग्रेस और बीजेपी इसका समर्थन करेंगी?

हकीकत : रीटेल में एफडीआई लागू करने का फैसला केंद्र ने राज्यों पर छोड़ा हुआ है। दिल्ली ने इसे लागू करने का ऐलान किया था। सरकार बनाने के बाद इसका फैसला 'आप' का होगा।
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13. मुद्दा : ग्राम सभा की मंजूरी के बिना गांवों की जमीन का अधिग्रहण नहीं होगा। लालडोरा इलाका बढ़ाया जाएगा।

हकीकत : लाल डोरा बढ़ाने और जमीन अधिग्रहण के लिए वे खुद प्रशासनिक कदम उठा सकते हैं। इसके लिए भी विधानसभा में किसी से समर्थन लेने की जरूरत नहीं।
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14. मुद्दा : प्राइवेट स्कूलों में डोनेशन सिस्टम बंद करके फीस तय करने की प्रक्रिया पारदर्शी बनाई जाएगी।

हकीकत : प्राइवेट स्कूलों में डोनेशन बंद करने और नए स्कूल खोलने का काम शिक्षा मंत्री और कैबिनेट लेवल पर किया जा सकता है। कांग्रेस ने भी यही कहा है।
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15. मुद्दा : सरकारी अस्पतालों में निजी अस्पतालों से भी बेहतर इलाज के इंतजाम होंगे। नए सरकारी अस्पताल खुलेंगे।

हकीकत : सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज और नए अस्पताल में रुकावट डालकर कोई भी पार्टी अपना नुकसान क्यों करेगी। यह काम सरकार अपने स्तर पर कर सकती है।
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16. मुद्दा : महिला सुरक्षा के लिए स्पेशल फोर्स बनेगी। महिला उत्पीड़न केसों में जल्द फैसले के लिए पर्याप्त कोर्ट हों।

हकीकत : स्पेशल ग्रुप, नए कोर्ट और जजों की नियुक्ति का काम सरकार किसी के समर्थन के बिना कर सकती है। ये प्रशासनिक मामले हैं।
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17. मुद्दा : जुडिशरी में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। जल्द फैसलों के लिए जजों की नियुक्ति होगी।

हकीकत : ये फैसले प्रशासनिक लेवल पर किए जाएंगे। इसमें विधायकों के समर्थन की कोई जरूरत नहीं।
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18. मुद्दा : कई प्रस्ताव एमसीडी के जरिए लागू होंगे। वहां बीजेपी का राज है, तो क्या बीजेपी 'आप' को सहयोग करेगी?

हकीकत : एमसीडी केंद्रीय गृह मंत्रालय और डायरेक्टर, लोकल बॉडीज के तालमेल से चलती है। दिल्ली सरकार कोई सिफारिश करेगी तो उस पर केंद्र फैसला लेगा।

आम आदमी पार्टी सिर्फ इस वजह से जनता को बेव'कूफ बनाने में सफल हो जाती है क्योंकि जनता जागरूक नहीं है।

आम आदमी पार्टी सिर्फ इस वजह से जनता को बेव'कूफ बनाने में सफल हो जाती है क्योंकि जनता जागरूक नहीं है। अरविन्द फर्ज़ीवाल जिन 18 बिंदुओं का गुब्बारा खड़ा करके , मैदान से पीठ दिखा कर भागने की तैयारी में जुट गयी है उनमे से 16 मुद्दे ऐसे है, जिन पर फैसला लेने के लिए विधान-सभा की मंजूरी की कोई जरुरत ही नहीं है, मुख्यमंत्री और स्टेट कैबिनेट खुद निर्णय लेने का अधिकार रखती है। सिर्फ दो मुद्दे - पूर्ण राज्य का दर्ज और लोकायुक्त के लिए विधान-सभा की मंजूरी की जरुरत है। जागो दिल्ली की जनता जागो। फर्ज़ीवाल गिरोह की शर्तों के पीछे की सचाई ये है कि वो कायर हैं, जनता की सेवा करने की हिम्मत उनमे नहीं है। झूठे सब्ज-बाग़ दिखाना एक बात है, उसको पूरा करके दिखाना और बात।

कजरी जी आपको शर्तें रखने का बड़ा शोक है न तो इन मुद्दों पे भी अपना रुख साफ़ करें

कजरी जी आपको शर्तें रखने का बड़ा शोक है न तो इन मुद्दों पे भी अपना रुख साफ़ करें 

श्री मान अरविन्द केजरीवाल जी,


हमको लगता है है कि आप विदेशी फण्ड पे पलने वाले एजेंट हैं और आपका मकसद देश में अस्थिरता लाना व देश को बर्बाद करना है 

हम आपको वोट देने से पहले कुछ बातों पर आपका रुख जानना चाहते हैं 

1 क्या आप धर्म विशेष के चापलूस हैं ? आपके द्वारा कश्मीर पाक को देने,बुखारी ओवैसी तोकीर रज़ा, कसाब व अफजल की फांसी पे रोक आदि घटनाओ से तो ऐसा ही लगता है, क्या आप सबको एक साथ लेकर चल पाएंगे ?

2 गौ हत्या के बारे में आप क्या सोच रखते हैं, आप सत्ता में आये तो कत्लखानो को बंद करेंगे ? क्या उनको दी जा रही सरकारी सब्सिडी बंद करेंगे ?

3 क्या आप धर्म के नाम पे मिलने वाले आरक्षण को बंद करेंगे ?

4 अब तक आपने पाकिस्तान पर बहुत ही नर्म रुख दिखाया है क्या आप पाकिस्तान को मुह तोड़ जवाब देंगे ?

5 आप की टीम के कुमार विश्वास ने हिदू भगवान शिव व् बजरंग बली को बहुत ही अभद्र गालियाँ दी थी एक धर्म विशेष से नफरत करने वाले को क्या आप अपनी पार्टी से निकालेंगे 

7 आपके विधायक पर लड़की से छेड़छाड़ का केस दर्ज हुआ है ..क्या आप जाँच होने तक उसको पार्टी से निकालेंगे ...अन्य पार्टी से तो आप यही उमीद करते हैं 

8 आपके अंदर ऐसी कौन सी इमानदारी है कि आपके जनक अन्ना जी,किरण बेदी जी ,बाबा रामदेव वीकेसिंह व लाखों समर्थक आपको छोड़ कर चले गये 

9 क्या आप भारत में बिक रहे विदेशी कमपनियों के जहर (कोक पेप्सी इत्यादि) को बंद करवाएंगे 

10 क्या आप आयुर्वेद को बढ़ावा देंगे ?

11 क्या आप टीवी मीडिया इत्यादि द्वारा परोसी जा रही अश्लीलता को बंद करवाएंगे

12 आरएसएस के बारे में आपकी क्या सोच है आप इसको बढ़ावा देंगे या बंद करेंगे 

13 आप ने कम्युनल बिल पर कुछ नही बोला इस पर आपकी क्या राय है 

14 कांग्रेस द्वारा बंद किये गये आतंकवादी विरोधी कानूनों को क्या आप फिर से शुरू करेंगे 

15 आप ने जो भी खुलासे किये थे उनके लिए आप ने कितने केस फाइल किये हैं और उनका क्या स्टेटस है

आपके जवाब के इंतजार में 

भारत का एक आम नागरिक