आम आदमी पार्टी सिर्फ इस वजह से जनता को बेव'कूफ बनाने में सफल हो जाती है क्योंकि जनता जागरूक नहीं है। अरविन्द फर्ज़ीवाल जिन 18 बिंदुओं का गुब्बारा खड़ा करके , मैदान से पीठ दिखा कर भागने की तैयारी में जुट गयी है उनमे से 16 मुद्दे ऐसे है, जिन पर फैसला लेने के लिए विधान-सभा की मंजूरी की कोई जरुरत ही नहीं है, मुख्यमंत्री और स्टेट कैबिनेट खुद निर्णय लेने का अधिकार रखती है। सिर्फ दो मुद्दे - पूर्ण राज्य का दर्ज और लोकायुक्त के लिए विधान-सभा की मंजूरी की जरुरत है। जागो दिल्ली की जनता जागो। फर्ज़ीवाल गिरोह की शर्तों के पीछे की सचाई ये है कि वो कायर हैं, जनता की सेवा करने की हिम्मत उनमे नहीं है। झूठे सब्ज-बाग़ दिखाना एक बात है, उसको पूरा करके दिखाना और बात।
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